कुछ पल कुछ पल
चले जाना अभी कुछ देर तो ठहर है देर अभी सहर आने में। चले जाना अभी कुछ देर तो ठहर है देर अभी सहर आने में।
काश! वो दिन लौट के आ जाएं, कि हम थोड़ा पल बिता पाएं। काश! वो दिन लौट के आ जाएं, कि हम थोड़ा पल बिता पाएं।
मत सोच कहेगा क्या जमाना तेरी सोच को ना समझ सका तो बदनाम करेगा तेरी सोच को मत सोच कहेगा क्या जमाना तेरी सोच को ना समझ सका तो बदनाम करेगा तेरी सोच को
सिरा छूट जाता है, शायद कोई अंत नहीं। सिरा छूट जाता है, शायद कोई अंत नहीं।
तो रुक जाने दो तो रुक जाने दो